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Friday, May 30, 2014

उत्तर प्रदेश में विद्युत आपूर्ति की स्थिति

30-मई-2014 18:47 IST
वर्तमान में करीब 2 हजार मेगावाट बिजली की कमी नई दिल्ली: 30 मई 2014: (PIB): 
उत्तर प्रदेश में बिजली की चरम मांग 12,700 मेगावाट है जिसमें से करीब 10,700 मेगावाट की आपूर्ति की जा रही है। वर्तमान में करीब 2 हजार मेगावाट बिजली की कमी है। राज्य में 500 मेगावाट के विद्युत संयंत्र को भी बहाल कर लिया गया है और यह पूरी तरह से बिजली का उत्पादन कर रहा है। 600 मेगावाट का एक अन्य निजी क्षेत्र का अंपारा-सी संयंत्र आयातित कोयले की खरीद न होने के कारण से काम नहीं कर रहा। इस संयंत्र को कोल इंडिया से 90 प्रतिशत से ज्यादा की कोयला आपूर्ति की जाती है और यह प्लांट को दी गई अनुमति के अनुरूप है। सेंट्रल जेंनरेटिंग पॉवर स्टेशन (सीजीपीएस) से उत्तर प्रदेश को दी जाने वाली बिजली की उपलब्धता भी सामान्य है। राज्य, गैस-आधारित स्टेशनों अंटा, ओरैया और दादरी से अपने आवंटन के समान बिजली नहीं ले रहा है और राज्य वितरण इकाईयों द्वारा करीब 300 मेगावाट की मांग को शीघ्र ही उपलब्ध कराया जा सकता है। अन्य राज्य तापीय इकाईयों की कोयला भंडार स्थिति भी उचित एवं पर्याप्त है। 
राज्य सरकार के लिए उपलब्ध समाधान 
उत्तर प्रदेश में बिजली का आंतरिक उत्पादन करीब 10,100 मेगावाट है जिसमें वर्तमान में सिर्फ 4,500-5,500 मेगावाट ही उपलब्ध है और इस कमी को पूरा करने के लिए राज्य इसमें सुधार कर सकता है। विद्युत के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र के अन्य राज्यों से भी मांग की जा सकती है और वहां इसके लिए कोई पारेषण बाध्यता भी नहीं है। इसके अलावा एनटीपीसी के झज्जर संयंत्र में भी 337 मेगावाट विद्युत उपलब्ध है जिसे राज्य अपील करके प्राप्त कर सकता है। चुनाव के दौरान, उत्तर प्रदेश में एनटीपीसी के झज्जर संयंत्र से 3 मई से 15 मई, 2014 तक के लिए 277 मेगावाट बिजली खरीदी थी। 

इन स्रोतों के अलावा अपनी बिजली की कमी को पूरा करने के लिए उत्तर प्रदेश विद्युत आदान-प्रदानों के माध्यम से पर्याप्त खरीद सकता है। 
वि‍.कासोटि‍या/एसएस/एलएन-1731

Thursday, May 29, 2014

चौधरी चरण सिंह को अर्पित किये श्रद्धा सुमन

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने याद रखा किसान नेता को
मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव 29 मई, 2014 को विधान भवन में स्व0 चौधरी चरण सिंह की पुण्यतिथि के अवसर पर उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए।  
“कोई पद से बड़ा नही होता है। नीतियों, सिद्धांत के साथ गरीबों, किसानों के लिए काम करनेवाला का नाम होता है। श्री जयप्रकाश नारायण, डा0 लोहिया कभी किसी सरकारी पद पर नहीं रहे लेकिन वे हमेशा याद किए जाते हैं। चौधरी चरण सिंह भी बड़े दिलवाले नेता थे। उनसे प्ररेणा लेनी चाहिए। राजनीति में उतार-चढ़ाव तो आते ही रहते हैं। उसकी ज्यादा चिन्ता क्या करना।“ समाजवादी पार्टी का गरीबों और किसानों की तरक्की के लिए संघर्ष जारी रहेगा।
उक्त उद्गार आज समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव ने पार्टी मुख्यालय, लखनऊ में पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी की चौैथी पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में व्यक्त किए। इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री श्री अहमद हसन, पूर्व मंत्री श्री भगवती सिंह, प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चौधरी, श्री एस0आर0एस0यादव ने भी नेता जी के साथ चौधरी साहब के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किए।
श्री यादव ने कहा कि चौधरी साहब ने हमेशा गांवो और किसानो की तरक्की की बात की थी। डा0 लोहिया और चौधरी साहब के विचारों में समानता थी और समाजवादी पार्टी उनके ही रास्ते पर चल रही है। समाजवाद का रास्ता कठिन जरूर है लेकिन विकल्प समाजवादी नीतियां ही है।
श्री मुलायम सिंह यादव ने कहा कि चौधरी चरण सिंह किसान की तरह निष्कपट, सरल और ईमानदार नेता थे। वे हमेशा गांव-किसान और गरीब की बात करते थे। उनके भाषणों की शुरूआत और अंत इन्हीं बिन्दुओं पर होती थी। उनमें इतना बड़़ाप्पन था कि वे अपनी गलती स्वीकार करने में भी संकोच नहीं करते थे। वे अत्यंत व्यवहारिक नेता थे। उन्होने चौधरी साहब के साथ लम्बे साथ के कई रोचक और प्रेरणाप्रद संस्मरण भी सुनाएं और कहा कि उन्हें चौधरी साहब बहुत मानते थे।
इससे पूर्व प्रातः विधान भवन स्थित चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा पर मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। उन्होने कहा कि चौधरी साहब गांव-गरीबों और किसानों के नेता थे। उन्होने आजीवन इनकी बेहतरी के लिए काम किया। समाजवादी पार्टी उनके आदर्शो पर चलती आई है। नेताजी के मार्गदर्शन में समाजवादी पार्टी की सरकार ने किसानों की कर्जमाफी के साथ मुफ्त सिंचाई सुविधा और बीज-खाद की उपलब्धता सुनिश्चित की।
सर्वश्री राज किशोर मिश्रा, डा0 फिदा हुसैन अंसारी, चौ0 साहब सिंह, हुलास राय सिंघल, डा0 आर0ए0 उस्मानी,बृजेश यादव, अतुल प्रधान, मो0 एबाद, प्रदीप तिवारी, लीलावती कुशवाहा, मो0 शाहिद, देवेन्द्र सिंह, अशोक देव, निर्भय पटेल, मो0 हनीफ, फाकिर सिद्दीकी, विजय यादव, रिछपाल सिंह, मो0 अरशद खान, गुलाम अहमद, सुषमा यादव, राजदेवी, रजिया नवाज, शिवचन्द्र पाठक, प्रदीप श्रीवास्तव, ताराचन्द्र, अशोक यादव, श्रीपति सिंह, मो0 अशरफ आदि की श्रद्धांजलि सभा में उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

Friday, May 23, 2014

‘उर्दू शायरी में गीता’ का लोकार्पण

‘रूहानी संगम’ के अवसर पर बना यादगारी समय
मुख्यमंत्री 23 मई, 2014 को मशहूर शायर श्री अनवर जलालपुरी की भावानुवादित पुस्तक ‘उर्दू शायरी में गीता’ के लोकार्पण समारोह ‘रूहानी संगम’ के अवसर पर। 

Sunday, March 30, 2014

यह हो रहा है यूपी में विकास

Sat, Mar 29, 2014 at 6:10 PM
आठ रूपये दिहाड़ी पर चल रही है बाल मज़दूरी 
नई दिल्ली: 29 मार्च 2014: (यूपी स्क्रीन ब्यूरो):
अशोक अग्रवाल 
गत दिनों प्रमुख समाज सेवी और जानेमाने वकील अशोक अग्रवाल ने उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह यादव के संसदीय क्षेत्र इटावा के रूपपुर गाँव का दौरा किया। इस दौरे में श्री अग्रवाल ने वहाँ के हालात को बयान  वाले कुछ दृश्य अपने कैमरे में उतार लिया। विकास के दावों की धज्जियां उड़ाते वहाँ के वास्तविक हालात बाल मज़दूरी जैसी कड़वी  हकीकतें भी सभी को बताते हैं। यूपी के इस सच को पूरी दुनिया तक पहुँचाने के मकसद से श्री अग्रवाल ने इन में से कुछ तस्वीरें हमें भी भेजी हैं। आप हैरान हो जायेंगे कि अपनी शिक्षा और खेलकूद की उम्र छोड़ कर अपने और अपने परिवार का पेट भरने के लिए मज़दूरी करने पर मजबूर इन बच्चों को मिलते हैं केवल आठ रूपये।  यह आठ रूपये इन बच्चों के लिए पूरी दिहाड़ी की कमाई हैं। 
इन आठ रुपयों के लिए खेत में से आलू निकालने का काम करते ये बच्चे बिना बोले भी बता रहे हैं कि यूपी में कैसे हैं उनके लिए विकास के अर्थ ? शिक्षा के अर्थ? क्या है हकीकत विकास के दावों की? इनमें से कुछ बच्चे बाकायदा स्कूल यूनिफार्म में भी देखे जा सकते हैं। जिन गांवों में ये बच्चे अपना बचपन रोटी के लिए कुर्बान करने पर मजबूर हैं उन गांवों में न बिजली है न शौचालय और न ही अन्य मूलभूत सुविधाएं। इन बच्चों को रेलवे स्टेशन पर कबाड़ एकत्र करते भी देखा जा सकता है। ये बच्चे कभी कल के नेता तो शायद न बन सकें पर भूख का जंगल कहीं इन्हें अपराध की राह पर न ले जाये।

Saturday, August 31, 2013

झांसी किले में 400वीं वर्षगांठ का कार्यक्रम आयोजित

30-अगस्त-2013 15:47 IST   
 ‘कौमी एकता का प्रतीक:झांसी दुर्ग’ पर संगोष्‍ठी आयोजित
झांसी किले में उसकी 400वीं वर्षगांठ का कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस अवसर इस अवसर पर  केंद्रीय संस्‍कृति मंत्री श्रीमती चंद्रेश कुमारी कटोच मुख्‍य अतिथि थीं। 
इस कार्यक्रम को केंद्रीय संस्‍कृति मंत्री श्रीमती चंद्रेश कुमारी कटोच ने भी सम्बोधित किया जो वहां पर मुख्‍य अतिथि थीं। 
झाँसी: 30 अगस्त 2013: (पीआईबी) भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण, लखनऊ सर्किल, लखनऊ ने हाल ही में ऐतिहासिक झांसी किले में उसकी 400वीं वर्षगांठ का कार्यक्रम आयोजित किया। इस अवसर पर ‘कौमी एकता का प्रतीक:झांसी दुर्ग’ पर एक संगोष्‍ठी आयोजित की गई। केंद्रीय संस्‍कृति मंत्री श्रीमती चंद्रेश कुमारी कटोच मुख्‍य अतिथि थीं। इस समारोह में ग्रामीण विकास राज्‍य मंत्री श्री प्रदीप कुमार जैन, भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण के महानिदेशक श्री प्रवीण श्रीवास्‍तव, बुंदेलखंड विश्‍वविद्यालय, झांसी के कुलपति श्री अविनाश चंद्र पांडे भी उपस्थित हुए। इस उपलक्ष्‍य में लखनऊ में विभिन्‍न स्‍थानों पर साल भर कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। (PIB) 
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इ.अहमद/प्रियंका/सुमन – 5933


झांसी किले की 400वीं वर्षगांठ 

Sunday, August 11, 2013

यूपी:रेत मामले की जाँच रिपोर्ट

10-अगस्त-2013 18:49 IST
उत्‍तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर में कथित अवैध रेत खनन से पर्यावरण को होने वाले नुकसान के बारे में जांच के लिए गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंपी 

उत्‍तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर में कथित अवैध रेत खनन से पर्यावरण को होने वाले नुकसान के बारे में जांच के लिए पर्यावरण और वन मंत्रालय द्वारा डा. सरोज (निदेशक, पर्यावरण और वन मंत्रालय) की अध्‍यक्षता में गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट प्रस्‍तुत कर दी है। इस रिपोर्ट को पर्यावरण और वन मंत्रालय की वेबसाइट : http://envfor.nic.in/content/report-moef-sand-mining पर अपलोड कर दिया गया है। 
वि. कासोटिया/देवेश/संगीता/राजीव/सुनील-5427

Friday, February 15, 2013

एक ग्रामीण महिला की कहानी


15-फरवरी-2013 17:58 IST
कुंभ मेले में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का जमुनिया कार्यक्रम
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने अपनी मीडिया इकाई संगीत और नाटक प्रभाग के जरिए अपने अभिनव कार्यक्रम के हिस्‍से के रूप में इलाहाबाद कुंभ मेले में जमुनिया विषय पर आधारित 14 दिन का ध्‍वनि और प्रकाश कार्यक्रम संचालित किया। यह कार्यक्रम मेले के माहौल को देखते हुए उचित रूप से ढ़ाला गया था। जमुनिया ध्‍वनि और प्रकाश कार्यक्रम शुरू में नुक्‍कड़ नाटक के रूप में अपनाया गया । इसका शीर्षक है जमुनिया-आकांक्षा उभरते भारत की । 

नुक्‍कड़ नाटक ने इलाहाबाद के कुंभ मेले में बड़ी संख्‍या में श्रद्धालुओं को आकर्षित किया और यह कार्यक्रम कई दिनों तक दिन के समय प्रस्‍तुत किया गया। नुक्‍कड़ नाटक की अवधि 45 मिनट थी और कुंभ मेले के परिसर में प्रस्‍तुत इस कार्यक्रम की लाखों श्रद्धालुओं में अनुकूल प्रतिक्रिया हुई। इस पहल ने मुख्‍य कार्यक्रम जमुनिया-तस्‍वीर बदलते भारत की ने भीड़ को आकर्षित करने में सफलता प्राप्‍त की। यह कुंभ मेले के मुख्‍य स्‍थल से थोड़ा हटकर इलाहाबाद के कंपनी बाग मैदान में सायंकाल के समय प्रस्‍तुत किया गया। इस कार्यक्रम में लगभग 150 कलाकारों ने भाग लिया और इसकी कुल अवधि 2 घंटे 20 मिनट थी। 

जमुनिया-तस्‍वीर बदलते भारत की ध्‍वनि और प्रकाश कार्यक्रम एक ग्रामीण महिला की कहानी है जो अभाव और गरीबी से उठकर एक स्‍थानीय नेता के रूप में उभरती है और अंतत: एक ग्राम सरपंच बनती है। वह केंद्र सरकार के सूचना के अधिकार और शिक्षा के अधिकार सहित विभिन्‍न महत्‍वपूर्ण्‍ कार्यक्रम का लाभ उठाती है। 

सन 2010 में शुरू किये गए जमुनिया ध्‍वनि और प्रकाश कार्यक्रम देश के अनेक भागों में प्रस्‍तुत किया जा चुका है। इनमें राजकोट,पोरबंदर,पन्‍ना, अमरावती, सीकर, हरिद्वार, रायबरेली और अमेठी प्रमुख शहर हैं। 

जमुनिया ध्‍वनि और प्रकाश कार्यक्रम भारत की प्रमुख भाषाओं यथा पंजाबी, गुजराती, उडि़या, बंग्‍ला, असमिया, कन्‍नड़ ,तेलुगु, मलयालम आदि में रूपांतरित किया जा चुका है और यह देश के अन्‍य भागों में भी प्रस्‍तुत किये जाने के लिए तैयार है। (PIB)

नुक्‍कड़ नाटक के रूप में कार्यक्रम का प्रस्‍तुतीकरण
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